विजया, उमेश कुमार
सामाजिक शिक्षण सिद्धांत अल्बर्ट बंडुरा द्वारा विकसित माना गया है। इस सिद्धांत के अनुसार व्यक्ति दूसरों को देखकर उनके व्यवहार की नकल करके और उन व्यवहारों के परिणाम का अनुभव करके सीखता है। इस सिद्धांत का किशोरावस्था के प्रारंभिक वर्षों के लिए बहुत ही महत्व माना गया है क्योंकि किशोरावस्था विकासात्मक चरण की पहली इकाई होती है जिसमें बाहरी प्रभावों के प्रति संवेदनशीलता रहती है। प्रस्तुत शोध पत्र में किशोर बालक द्वारा सामाजिक सिद्धांत के अंतर्गत लोगों के व्यवहारों, उनसे सीखने और उन व्यवहारों के प्रभाव का अध्ययन किया गया है। साथ ही सामाजिक शिक्षण सिद्धांत से प्रभावित किशोर विकास के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है। जिसमें संज्ञानात्मक, भावनात्मक और व्यावहारिक कार्यक्षेत्र शामिल किए गए हैं। इसके अलावा अध्ययनों से सैद्धांतिक रूपरेखाओं की जांच और सामाजिक शिक्षण सिद्धांत किशोरावस्था के दौरान सामाजिक कारण की प्रक्रिया का विश्लेषण किया गया है। इस प्रस्तुत शोध पत्र का उद्देश्य किशोरावस्था पर सामाजिक शिक्षण सिद्धांत के प्रभाव का पता लगाने के लिए विभिन्न विशेषज्ञों के कार्यों का अध्ययन भी किया गया है। जिसमें विभिन्न परिवारों के बालकों से बातचीत कर प्रभावों का अध्ययन किया गया है। इस प्रकार शोध पत्र के लिए प्राथमिक एवं द्वितीय डाटा संकलन का उपयोग किया गया है। अत: इस शोध हेतु विश्लेष्णात्मक शोध प्रविधि का उपयोग किया गया है।
Pages: 229-232 | 57 Views 18 Downloads