डाॅ. अरूण कुमार राजोरिया
प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली वैदिक काल से विकसित हुई और सामाजिक, आध्यात्मिक, एवं नैतिक मूल्यों पर आधारित थी। इस अध्ययन में वैदिक युग की शिक्षा प्रणाली की विशेषताओं का विश्लेषण किया गया है, जिसमें गुरु-शिष्य परंपरा, आध्यात्मिक अनुशासन, नैतिक शिक्षा, एवं व्यावहारिक ज्ञान का समावेश था। वैदिक शिक्षा का उद्देश्य केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करना नहीं था, बल्कि यह व्यक्ति के संपूर्ण विकास को सुनिश्चित करने हेतु जीवनमूल्यों पर केंद्रित थी। इस अध्ययन में वैदिक शिक्षा के मूलभूत तत्वों, उसके प्रभावों एवं आधुनिक शिक्षा प्रणाली के साथ उसके तुलनात्मक अध्ययन पर चर्चा की गई है। यह निष्कर्ष निकाला गया कि वैदिक शिक्षा प्रणाली केवल शैक्षिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि नैतिकता, आत्म-अनुशासन एवं सामाजिक समरसता के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण थी।
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