International Journal of Humanities and Education Research

Vol. 1, Issue 2, Part A (2019)

हिंदी पत्र-साहित्य का ऐतिहासिक अध्ययन

Author(s):

डाॅ॰ जसवीर त्यागी

Abstract:

पत्र मानव सभ्यता के साथ-साथ विकसित प्राचीन कला है। पत्रों का महत्त्व सर्वविदित है। आत्माभिव्यक्ति मानव की प्राकृतिक प्रवृत्ति है। अभिव्यक्ति की चाह तक शांत नहीं होती, जब तक मनुष्य अपने भाव तथा विचारों को किसी के सम्मुख प्रकट नहीं कर देता। अभिव्यक्ति की इच्छा पत्र-लेखन की प्रेरणा है। हिंदी पत्र-लेखन की परंपरा के संकेत-सूत्र प्राचीन काव्य में मिलते हैं। अमीर खुसरो, जायसी, कबीरदास, तुलसीदास, सूरदास, मीरा, रहीम, घनानंद, बिहारी आदि के काव्य में पत्र-लेखन के संदर्भ आते हैं। पत्र को साहित्य की एक मूल्यवान विधा मानकर प्रकाशित करने और कला रूप का विश्लेषण करने की प्रवृत्ति नवीन है। पत्र विधा का विकास आधुनिक युग में हुआ। हिंदी पत्र-साहित्य का ऐतिहासिक अध्ययन प्रस्तुत शोध आलेख के विवेचन का आधार है।

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How to cite this article:
डाॅ॰ जसवीर त्यागी. हिंदी पत्र-साहित्य का ऐतिहासिक अध्ययन. Int. J. Humanit. Educ. Res. 2019;1(2):25-29. DOI: 10.33545/26649799.2019.v1.i2a.53